\u092a\u0940\u0930\u093f\u092f\u0921 \u0915\u0947 \u0915\u093f\u0924\u0928\u0947 \u0926\u093f\u0928 \u092c\u093e\u0926 \u0917\u0930\u094d\u092d \u0920\u0939\u0930\u0924\u093e \u0939\u0948?
    • Last updated April 2, 2024
    • 0 comments, 74 views, 0 likes

More from fmbb slofhou

  • Delete
    0 comments, 0 likes
  • MD
    MD
    0 comments, 0 likes
  • Uttarakhand
    0 comments, 0 likes

More in Politics

  • Norton antivirus account login
    31 comments, 149,555 views
  • Liquidity Locking Made Easy
    11 comments, 83,773 views
  • Ang jili178 login ay nagdudulot sa iyo ng mga laro ng slot at karanasan sa laro ng soccer
    2 comments, 46,839 views

Related Blogs

  • The Top 5 Benefits of Using an 8-Inch Clip-On Fan in None Industry
    0 comments, 0 likes
  • Healthcare Informatics and Technology Integration in Nursing Practice
    0 comments, 0 likes
  • Organize Your Space with Furniselan's Stylish Wardrobes
    0 comments, 0 likes

Archives

Social Share

पीरियड के कितने दिन बाद गर्भ ठहरता है?

Posted By fmbb slofhou     April 2, 2024    

Body

महिला दिवस, 8 मार्च को ज़रूर मनाया जाता है, लेकिन क्या महिला सशक्तिकरण और सम्मान सिर्फ एक दिन का ही तोहफा है?

पीरियड के कितने दिन बाद गर्भ ठहरता है

इस साल चलिए महिला दिवस को एक नज़रिया बनाएं, ना कि सिर्फ एक तारीख़. आइए मिलकर ये सोचें कि हम कैसे हर दिन को महिलाओं के लिए खास बना सकते हैं.

  • शब्दों में नही, सलूक में दिखाएं सम्मान: घर पर बेटी, दफ्तर में सहकर्मी, या सड़क पर किसी राहगीर - हर महिला के साथ सम्मान से पेश आएं. सम्मान सिर्फ बड़े शब्दों में नहीं, बल्कि छोटे-छोटे व्यवहारों में झलकता है.

  • बेटियों को पढ़ाएं, वो उड़ान भरेंगी आसमान में: बेटे की तरह बेटियों को भी अच्छी शिक्षा दिलाएं. शिक्षा वो पंख है जो उन्हें कहीं भी उड़ने का दम देती है.

  • घर के कामों में बंटाएं ज़िम्मेदारीयां: ये कोई महिलाओं का जन्मसिद्ध अधिकार नहीं है कि वो अकेले ही घर संभालें. ज़िम्मेदारियां बंटने से न सिर्फ महिलाओं को बोझ कम होगा, बल्कि परिवार में प्यार और आपसी समझ बढ़ेगी.

  • उनकी उपलब्धियों को करें सलाम: महिलाओं की तरक्की पर गर्व करें, उनकी सफलताओं को सराहें. चाहे वो घर संभालना हो या दफ़्तर में नाम करना, हर कामयाबी जश्न मनाने लायक है.

  • बोलें उन अन्यायों के खिलाफ: दहेज प्रथा, बाल विवाह, या किसी भी तरह का भेदभाव - महिलाओं के खिलाफ किसी भी तरह के अन्याय को आवाज़ दें.

हर महिला चाहती है सम्मान, सहयोग और समर्थन. ये चीज़ें उन्हें सिर्फ एक दिन नहीं, बल्कि हर रोज़ चाहिए. आइए मिलकर हर दिन को महिला दिवस बनाएं, ताकि सशक्त और खुशहाल महिलाएं एक सशक्त और खुशहाल समाज का निर्माण कर सकें.

Comments

0 comments